अभी कुछ बदला है, अभी और बदलना है सवेरा होने तक अँधेरे में, अभी और चलना है। अभी कुछ बदला है, अभी और बदलना है सवेरा होने तक अँधेरे में, अभी और चलना है।
और अगर रह गई, फिर कोई कमी, तो नई कोशिशों का, सिलसिला शुरू होगा...! और अगर रह गई, फिर कोई कमी, तो नई कोशिशों का, सिलसिला शुरू होगा...!
कहता है कौन, कि बदकिस्मत हो तुम, अपने हाथों पे लकीरें, बना कर तो देखो...! कहता है कौन, कि बदकिस्मत हो तुम, अपने हाथों पे लकीरें, बना कर तो देखो...!
जीत जाओगे तुम हर बाज़ी अगर अटल तुम्हारा प्रयास हो,।। जीत जाओगे तुम हर बाज़ी अगर अटल तुम्हारा प्रयास हो,।।
तुम कोई प्यार भरी ग़ज़ल तो नहीं तुम कोई प्यार भरी ग़ज़ल तो नहीं
सपने के लिये अथाह प्रयास करना ! सपने के लिये अथाह प्रयास करना !